भाजपा सरकार में सरकारी अस्पतालों से लेकर सरकारी अधिकारियों,कर्मचारियों तक नहीं है किसी का डर?

कुछ मेडिकल वालों का इतना बुरा हाल है चाहे व बांगरमऊ हो और चाहे सफीपुर कुछ भाजपा नेताओं के साथ मिलकर कर रहे जमकर धन उगाही चाटुकार बन के दलाली कर रहे है और अगर। इनकी मेडिकल की जांच की जाए तो नशीली दवाइयों का अम्बार के साथ , साथ लाइसेंसों में भी घपला

 मिलेगा और सरकारी डॉक्टर से बोला जाता है की दवाइयां हमारे यहां की लिखी जाए "वर्ना "  जो महीना होगा वह हम देंगे जब मुंह मांगी रकम को ग़रीब जनता के लिए ठुकरा देता है तो सीधे साधे डॉक्टर गरीब जनता के साथ न्याय करता है तो कुछ मेडिकल वाले उस डॉक्टर को भी राजनीतिक का दबाव देकर उसको अपना शिकार बनाने की कोशिश करते हैं ऐसे में अगर इन मेडिकल वालों को भी जांच कराई जाए तो नशीली दवाइयों से लेकर अनेको अवैध प्रोडक्ट और कहीं नेताओं से लेकर व पत्रकार तक इनके चाटुकार बने हुए मिलेंगे, जो कि एक डॉक्टर भगवान को रूप दिया जाता है वह अगर किसी गरीब के साथ न्याय करता है तो कुछ चाटुकार, राजनीतिक लोग उस डॉक्टर को नहीं करने देते काम,!  जो की दवाइयां प्रिंट रेट पर ही देते हैं ऐसे में सी एम एस  उन्नाव को चाहिए कि ऐसों की जाच कराकर  ऊपर की कारवाई आवश्यक होनी चाहिए  !!

सरकारी अस्पतालों में खूब हो रहा है जनता के साथ छल कपट डॉक्टर सरकारी तनखा लेकर भर रहे हैं खजाना  अपने बाबू से ही चढ़ावा लेते हैं रजिस्टर पर हाजिरी साहब काहे का डर जनता जाए भाड़ में और डॉक्टर साहब बिजी अपने निजी काम में

एक तरफ तो सरकार बड़े बड़े दावे कर रहे दूसरी ओर यह देखिए सरकारी अस्पताल तकिया निगोही का हाल जहां पर जनता आकर बंद डॉक्टर साहब के कमरे का मुंह देखकर जंता  मायूस होकर  चली जाती है आखिर कोन लेगा इस भोली भाली जनता की जिम्मेदारी आखिर डॉक्टर अपने टाइम तो छोड़ो टाइम अवर होने के बाद भी नहीं आते हैं नजर

 यही है सरकारी अस्पताल तकिया निगोही का जहाँ पर कर्मचारी करते हैं हफ्ते में बारी , बारी से डयूटी एक नजर डालें उच्चाधिकारी गण !
 तहसील सफीपुर ब्लाक एफ 84 के अन्तर्गत नवीन प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र तकिया निगोही में तैनात अधिकारी,  कर्मचारियों के द्वारा  मा0 योगी जी के आदेशों की जमकर उड़ाई जा रहीं धज्जियां  ।
    जहाँ वर्तमान समय में डायरिया, टाइफायड फीवर, डेंगू आदि का प्रकोप बढा चल रहा है , वहीँ उक्त अस्पताल का स्टाप अपने , अपने घरों में सो रहा है सुबह टाइम बे टाइम अस्पताल के   डा0 आते हैं ,  2  बजे लटक जाता है । छेत्र की जंता को नहीँ मिल रही समय पर चिकित्सा तो फिर अस्पताल नियुक्त किये जाने का क्या फाएदा ।
   अस्पताल के कर्मी बारी , बारी से हफ्ते में दो , दिन एक दिन करते हैं ड्यूटी । यहाँ के डा0 अपने को बडी पहुँच वाला बताकर जंता पर बनाते हैं दबाव इनकी एम ओ आई सी एफ 84 से लेकर सी एम ओ उन्नाव तक चलती है सेटिंग ।

उन्नाव से मोहम्मद इदरीश की खास रिपोर्ट

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