विदेश नीति का खुलासा - शाक्य वीरेंद्र मौर्य

आज हम चर्चा करेगें भारत सरकार की विदेश नीति पर।  डैनियल लॉरेंस द्वारा संपादित: बेटमी बोनलाइन 29 मार्च, 2018  के अनुसार 25 जून 2018 को प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रपति डैनी फारे सेशेल्स सरकार के साथ विभिन्न क्षेत्रों में 6 समझौते किए गये। इन क्षेत्रो में लघु विकास परियोजनाओ का कार्यान्वयन, साइबर सुरक्षा, सांस्कृतिक विनिमय आदि शामिल हैं।

$ 385,000 अनुदान की राशि 10 एम्बुलेंस की खरीद और मुख्य द्वीपों, माहे, प्रास्लिन और ला डिगू में एक आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली की स्थापना के लिए सहयोग किया गया।

भारत सरकार द्वारा सेशेल्स पब्लिक ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (SPTC) को TATA Motors से 71 बसें खरीदने के लिए $ 3 .5 मिलियन का अनुदान भी दिया गया। आज सेशेल्स की सडको पर भारतीय बसें देखी जा सकती हैं

इसके अलावा भारत सरकार  द्वारा सेशेल्स के साथ रक्षा सम्बन्धो को आगे बढाते हुए। एक बहुत ही महत्वपूर्ण परियोजन (एजम्पशन द्वीप परियोजना) पर एक दूसरे के हितों के अनुरूप मिलकर काम करने पर सहमति जताई। भारत द्वारा सेशेल्स को रक्षा उपकरणों की खरीद के लिए $ 10 करोड का ऋण देने की घोषणा की गई

इस योजना के तहत भारत सेशेल्स के द्वीप पर एक सैन्य अड्डा बनाता, और यहीं से अपने पडोसी दुश्मन देशों पर पैनी नजर रखता। भविष्य मे कभी युद्ध की स्थिति में भारत सेशेल्स के इसी द्वीप से अपने दुश्मनो को मात दे सकता था। इस बात की भनक सेशेल्स मे काम कर रहे 1000 चीनी नागरिकों को लग गयी। और उन्होने कूटनीति के तहत न सिर्फ सेशेल्स की असेम्बली मे विपक्ष द्वारा इस योजना का विरोध कराया। बल्कि आम नागरिको द्वारा भी भारी विरोध कराया। अन्ततः सेशेल्स सरकार द्वारा एजम्पशन द्वीप पर सैन्य अड्डे की स्थापना से सम्बन्धित समझौते को रद्द करना पडा। और इस तरह सेशेल्स मे काम कर रहे 1000 चीनी नागरिकों (जासूसों) की मदद से चीन ने पर्दे के पीछे से कूटनीतिक सूझबूझ से इस महत्वपूर्ण समझौते को रद्द करवा दिया

भारत सरकार द्वारा इतना आर्थिक सहयोग के बाजवूद हाथ कुछ नही लगा। इसे आप कौन सी विदेश नीति कहेगें???

शाक्य बीरेन्द्र मौर्य

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