
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के आर्थिक अनुसंधान विभाग की शोध रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि RBI रिवर्स रेपो दर में 0.20 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है। इसका मतलब है कि बैंक लोन की दरें भी बढ़ा सकते हैं।भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के आर्थिक अनुसंधान विभाग की शोध रिपोर्ट के अनुसार, RBI रिवर्स रेपो दर में 0.20 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो बैंक इसका सीधा भार ग्राहकों पर डाल सकते हैं। इसके लिए बैंक, ग्राहकों को देने वाले लोन को महंगा करते हुए ब्याज दरें बढ़ा सकते हैं। रिपोर्ट को भारतीय स्टेट बैंक के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ सौम्य कांति घोष ने तैयार किया है। रिपोर्ट में कहा गया कि FY23 बाजार उधार का आकार 14.3 लाख करोड़ रुपये का है और वैश्विक बॉन्ड सूचकांकों में भारतीय ऋण बाजार को शामिल करने पर कोई प्रगति नहीं हुई है, फिर भी सवाल उठता है कि क्या RBI को बड़े उधार कार्यक्रम को सपोर्ट करने के प्रयास में तरलता सामान्यीकरण को डिले करना पड़ सकता है। जबकि, बजट को राजकोषीय पारदर्शिता के लिए पूरक बनाने की आवश्यकता है क्योंकि यह निश्चित रूप से वित्त वर्ष 24 तक सभी ऑफ बैलेंस पीएसयू उधार (जीडीपी का 7.7%) और राजकोषीय घाटा (6.4%) को संरेखित करने के लिए है।
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