बेरिकेडिंग न होने से हुआ हादसा, खुशियों में शरीक होने पहुंचे श्रद्धालुओं में आक्रोश

उन्नाव:- बक्सर स्थित गंगा घाट पर गहराई की जगह बैरिकेडिंग या संकेतक न होने से हुआ हादसा यही नहीं गोताखोर सिर्फ कागजों पर उपस्थित। युवक के डूबने बाद कोई गोताखोर वहां मदद के लिए नहीं मिला मौजूद। विभागीय आलाधिकारियों की इस लापरवाही को लेकर स्वजनों में छाया आक्रोश प्रशासनिक अफसर इस लापरवाही पर साधे रहे चुप्पी।यह जानते हुए कि नवरात्र और गंगा दशहरा मेले को लेकर स्नानार्थियों की भारी भीड़ उमड़ती है, इसके बाद बरती गई लापरवाही। मौजूद लोगों ने बताया कि घाट पर पत्थर के बड़े बोल्डर डाले गए जिसके चलते गंगा में गहराई होने की वजह स्नान करते समय लोगों का पैर अचानक बोल्डर के नीचे आ जाता है जिसके चलते हादसे होने का बना रहता है खतरा।

मातम में बदली मुंडन संस्कार की खुशियां

दही थाना क्षेत्र का इचौली गांव निवासी 20 वर्षी ए संजय कुशवाहा जो वर्तमान समय में सदर क्षेत्र के पीताम्बर नगर में रहते थे लखनऊ के तेलीबाग में रहने वाली मौसेरी बहन अंजली की बेटी अनन्या का बक्सर स्थित चंडिका देवी मंदिर में रविवार को मुंडन संस्कार होना था। संजय भी मुंडन संस्कार में शामिल होने सभी रिस्तेदारो के साथ दोपहर करीब एक बजे पहुंचा। वहां पहुंचकर सभी स्नान करने लगे मंदिर के पास घाट पर ही संजय,बहन के रिश्तेदार अतुल बहनोई के भाई कृष्णा, अजगैन क्षेत्र के बक्सीखेड़ा निवासी अजय, पीताम्बर नगर के रहने वाले शिवा व एक अन्य रिश्तेदार आदित्य के साथ स्नान करने लगा।

इसी दौरान कृष्णा बैरिकेडिंग न होने से नदी की गहराई में डूबने लगा। अतुल, संजय व एक अन्य उसे बचाने पहुंचे तो वह भी डूबने लगे । नाविकों ने कृष्णा, अतुल व एक अन्य को निकाल लिया किन्तु संजय पानी में समा गया।काफी खोजबीन के बाद भी उसका पता नहीं चला। मुंडन संस्कार की खुशियां मातम में बदल गई। एसडीएम क्षितिज द्विवेदी मौके पर पहुंचे और पुलिस की मदद से खोजबीन कराई।

पांच घंटे बाद गोताखोरों ने शव को नदी से निकाला


चंडिका धाम बक्सर में भांजी के मुंडन संस्कार में पहुंचे युवक उसके डूब रहें दो साथियों को बचाने में गंगा में समा गया। नाविकों ने साथियों को बचा लिया पर कई घंटे चली तलाश के बाद भी युवक पता नहीं चला। शुक्लागंज से आये गोताखोरों ने शाम 6:20 बजे डूबने वाली जगह से शव की खोजबीन कर बाहर निकाला।

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